Tuesday, 5 July 2016

व्यापमं घोटाला कांग्रेस के लिये क्या थी, न्याय या फिर राजनीति!


भोपाल। व्यापमं घोटाले को जिस तरीके से कांग्रेस ने विधानसभा सदन से लेकर सड़क तक उछाला। फिर सीबीआई जांच की मांग की और जब सीबीआई जांच शुरू हुई तो आरोपियों की जमानत होने लगी। लेकिन कांग्रेस ने अपनी चुप्पी तक नहीं तोड़ी। आखिर लोकतंत्र में इतना बड़ा मजाक न्याय के साथ क्यों हुआ। आरटीआई एक्टिविस्ट ने सोशळ मीडिया से लेकर हरेक जगह विरोध किया और अब अकेले अलग थलग पड़ गए। जिन लोगों ने कोर्ट में इस मुद्दे को उछाला उसे कांग्रेस राज्यसभा पहुंचाकर पुरस्कृत कर दिया गया। क्या एक विपक्ष की यही जिम्मेदारी होती है कि न्याय दिलाने के नाम पर राजनीति गोटि सेंकी जाए या न्याय का मतलब यह होता है कि जब तक न्याय नहीं मिले तब तक लड़ाई जारी रहे। कांग्रेस पार्टी जो अपने आपको आजादी के इतिहास और अपने पूर्वजों के नाम पर राजनीति करती रही है। ऐसा लगता है कि कांग्रेस में कितना बदलाव हुआ है और कितना बदलाव होगा। इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता।
   लोकतंत्र में एक विपक्ष की भूमिका अहम होती है। यह बीजेपी से कांग्रेसियों को सीखना होगा। संसद और विधानसभा में विपक्ष बैठक कर उस जोरदार तरीके से सरकार को घेरी कि आज सत्ता सुख में बैठी है। वहीं कांग्रेस जिसके पास सत्ता सुख का अनुभव है, लेकिन विपक्ष का अनुभव बिल्कुल नहीं है। इसी का पूरा फायदा बीजेपी को मिल रहा है। लोकसभा से लेकर जिन राज्यों में कांग्रेस विपक्ष में हैं , वहां यही हाल है। जनता किस पर भरोसा करें, सत्ता पक्ष से न्याय की कोई उम्मीद नहीं है, विपक्ष मदमस्त हाथी की तरह है। इच्छा हुई तो मुद्दा उठाया और बिना अंजाम तक पहुंचाए रणछोड़ की तरह चल दिये। आजादी के बाद कांग्रेस में राजघराने की मनमर्जी ही  चल रही है। देश की सबसे पुरानी पार्टी का यह हाल सोचनीय है।
कांग्रेस दुविधा में हैं। राहुल के हाल से जनता परेशान है। युवराज को जनता की फिक्र ही नहीं है और उनको सीखने में कितना समय लग जाएगा। इसके बारे में तो उनके गुरू भी कुछ नहीं बोलते। हालांकि जिंदगी हर पल सीख देती है। इसका यह मतलब नहीं है कि कांग्रेस के युवराज जीवन भर सीखते रहे। वहीं कांग्रेस की दूसरी नेत्री प्रियंका वाड्रा को उनको भाई के कारण राजनीति का त्याग करना पड़ रहा है, क्योंकि प्रियंका अगर आगे आई तो राहुल का राजनीति कैरियर में विराम लग जाएगा। वैसे भी कांग्रेस के पास इतना है कि किसी को सोचने की जरूरत नहीं। उनका चल रहा है और इसी तरह चलता रहेगा।
 लेकिन उन लोगों का क्या होगा जो कांग्रेस के सहारे न्याय की तलाश में थी?

व्यापमं घोटाले के आरोपियों की जमानत मिलने के बाद कांग्रेस की स्थिति 

    

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