Sunday, 6 May 2018

लोकतंत्र में कितना जरूरी है सोशल मीडिया वॉर....

नमस्कार मैं कुमार सौरभ...देश में बहुत कुछ बदल रहा है...समस्याओं का निदान, लोन सहित हरेक चीजें ऑनलाइन हो रही है। इसका असर अब चुनाव पर भी पड़ रहा है। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव है। फील्ड में नेता मेहनत कर रहे है, उससे कहीं ज्यादा सोशल मीडिया भी सक्रिय है। देश की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही सोशल मीडिया वॉर रूम तैयार कर लिया है। सोशल मीडिया पर मैसेज ध्वनि से भी तेज गति से चल रहे है।व़ॉर रूम में एक से एक आइडिया पर काम चल रहा है। भारतीय इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है, दो दिल भले ही न मिले लेकिन सोशल मीडिया पर एक दूसरे पर वॉर जरूर कर रहे है। जनता की समस्या अब सार्वजनिक हो गई है। जनता भी लाइन लगाकर दोनों ही पार्टी को कोस रही है। सोशल मीडिया पर चुनावी माहौल की शुरूआत भाजपा ने की। भाजपा इसकी जननी रही है और इसको सफलता भी खूब मिली। देश की सबसे पुरानी पार्टी इस विधा को सीखने में पिछड़ गई। या इसको इन्होंने हलके में ले लिया..लेकिन कर्नाटक में दोनों एक दूसरे को टक्कर देने में लगी है। कांग्रेस नेताओं के पास सोशल मीडिया के एक से एक उपकरण है, इस मामले में भाजपा पिछड़ती नजर आ रही है। कांग्रेस ने इसके लिये देश की सबसे बड़ी कंपनी के साथ अनुबंध किया है। अगर सोशल मीडिया की बात करे तो बीबीसी एक ऐसी संस्थान है, जो सोशल मीडिया का उपयोग खबरें के लिये शुरू से करती आ रही है। इस पर बीबीसी की टीम ने खूब काम भी किया है। लेकिन अब इसको चुनावी हथियार बना लिया गया है। बहरहाल कर्नाटक चुनाव में कटप्पा औऱ बाहुबलि के बीच जंग है और यह बेहद दिलचस्प है कि कौन किसको  मारता या हराता है। इसके बाद भी छल प्रपंच में पुरानी पार्टी कई पिछड़ तो नहीं जाएगी...